Saturday, May 16, 2009

सुनो भाई साधो एक प्रयास है ,समसामयिक विषयों पर समुचित और समन्वयक वैचार्रिक अभिवाक्क्ति का

सुनो भाई साधो एक प्रयास है ,समसामयिक विषयों पर समुचित और समन्वयक वैचार्रिक अभिवाक्क्ति का
आज का दिन अपने आप में विशेष है, एक प्रकार से एक नए और युवा युग की शरुआत है , इसी वजह से मैंने आज के दिन को चुना है इस ब्लॉग को शुरू करने के लिए , हांलाकि बहुत दिन से एक हिन्दी ब्लॉग मेरे विचार्रों में था पर, इस ब्लॉग को वास्तविक रूप लेने से कई प्रकार की बाधाएं रोक रही थी, जो की शायद निकट भविष्य में इस ब्लॉग को अपडेट रहने से भी यदाकदा वंचित रखें
फिर भी मेरा प्रयास रहेगा की आपको सर्वदा कुछ नया और ताज़ा पढ़ने और देखने को मिले
कुछ बातें हैं जो मैं आप से दो चार करना चाहता हूँ , जो की इस ब्लॉग के मूल कार्य को संपन करने में मेरी और आपकी मदद करेंगी

१ इस ब्लॉग की विश्यस्वस्तु को परिभाषित करना ज़रा मुश्किल है ,इस्सलिये आपसे अनुरोध है की ब्लॉग के विषय के बारे में किसी भी प्रकार के पूर्वाग्रह से दूर रहें

२। यह कोई वक्तिगत ब्लॉग नही है,अतःआपसे अनुरोध है की कृपया ब्लॉग और इस में प्रसारित बातों को लेखक की निजी ज़िन्दगी से ना जोड़े , इस ब्लॉग पर दिए गए विचार लेखक ने अपने रोजाना के जीवन से पायें हैं
यदि कही लेखक को ऐसा लगेगा की अमुख विचार उसकी वक्तिगत ज़िन्दगी से जुड़ा है ,वहां पर लेखक स्वयं आपको सूचित करेगा
३। जैसा की आप देख रहे हैं यह एक हिन्दी ब्लॉग है, और विशेष बात यह है की ये ब्लॉग देवनागरी लिपि में है ,आप को पता ही होगा की आज भी कंप्यूटर पर देव्नागी लिपि लिखाना मुश्किल है,अतः आपसे सविनय अनुरोध है की भाषा की अशुधता को लेखक की मजबूरी मानते हुयी माफ़ करे

४। आपसे अनुरोध है की कृपया अपने विचार हिन्दी (अगर संभव हो तो देवनागरी लिपि ) में लिखे ।

आपका
अनुतोष
anutoshpandey@gmail.com

नोट:- पाठक गण अपने विचार लेखक को ईमेल भी कर सकते हैं ,और साथ ही साथ आप लेखक को अपने विचार ऑरकुट के द्वारा भी दे सकते हैं ।
लेखक के ऑरकुट प्रोफाइल पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करे

लेखक का ऑरकुट प्रोफाइल

2 comments:

  1. Anutosh jee...
    Namaskaar !!
    Aap ke daura kiya gaya yeh praas atyant sarahneeya hai... Main pichhle kai mahino se kuchh Hindi blogs ka niyamit paathak raha hoon...atah yeh jaan sakta hoon ki ek blog ko chalane mein kitni kathinaeeyaan aati hain... parantu prayaas agar saarthak avam sahi disha mein ho to manzilein khud-ba-khud aasan hoti chali jati hai... Aasha hi nahi poorn viswaash hai ki aap bhi apne iss blog ko ek naye aayam tak le jayenge...!!

    Haardik Shubhkaamna !!
    Anant

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